kumar vishwas kavita lyrics
Ghazal Shayari in Hindi
बात करनी है, बात कौन करे
दर्द से दो-दो हाथ कौन करेहम सितारे तुम्हें बुलाते हैं।
चाँद न हो तो रात कौन करेअब तुझे रब कहे या बुत समझे
इश्क में जात पात कौन करे.जिन्दगी भर की थे कमाई तुम
इससे ज्यादा जकात कौन करे.
खुद को आसान कर रही हो न
हम पे एहसान कर रही हो न
ख्वाब, सपने, सुकून, उम्मीदे
कितना नुकसान कर रही हो नहम समझते है प्यार,
पर तुम तो जान-पहचान कर रही हो नतुम्हे जीने में आसानी बहुत है
तुम्हारे खून में पानी बहुत है.कबूतर इश्क का उतरे तो कैसे
तुम्हारी छत में निगरानी बहुत है.इरादा कर लिया अगर खुदकुशी
तो खुद की आँख का पानी बहुत है.है मुश्किल – 2 फिर भी करना चाहता हूँ
कलि में रंग भरना चाहता हूँ.
मेरी हर राह को रोको रकीबों,
मै खुद में से गुजरना चाहता हूँ.
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