Jai Bhim Movie Download
Jai Bhim Movie Short Review
आज हम बात करेंगे एक तमिल फिल्म के बारे में जिसका नाम है – Jai Bhim इस मूवी के को देखने के बाद हर एक शख्स जरूर सोचेगा जय भीम के बारे में जिसमे पुलिस कुछ आदिवासी समुदाय के लोगों को जबरन उठा ले जाती है उन्हें टॉर्चर करती है उन्हे जुर्म कबूल करने के लिए कहती है ।
जो उन्होंने किया ही नहीं उन आदिवासियों में से एक होता है राजगानू जिसकी बीवी अपने पति को बचाने के लिए चंद्रू नामक वकील की मदद लेती है। चंद्रो ह्यूमन राइट्स के केसेस को खास महत्व देता है। लेकिन इस केस के तहत तक पहुंचने में कैसा घिनौना सच आता है उस बात की कहानी है।
ऐसा सच जो सदियों से हमारे बीच में है बस हमने सहूलियत से उसके तरफ से आंखे फेर ली है। सिर्फ पुलिस बुटालिटी जय भीम की टीम नहीं है। वह उस मानसिकता में उतरने कोशिश करती है जिसमें पुलिस बुटालिटी जैसी ने हिस्सा लिया।
उन पूर्वाग्रहों को सामने लाती है जो एक को दूसरे से ऊपर समझने का हक देते हैं। ऐसे भेदभाव को विमर्श बना कर पहले भी सिनेमा बन चुका है। जहां इस फिल्म को सटिल रखा गया ताकि दर्शक खुद उस फर्क को महसूस कर सके।
लेकिन जय भीम ऐसा नहीं करती यह ऊंच-नीच वाले भेदभाव को सटिल ना रखते हुए क्लियर कट सामने रखती है। जैसे राजगानू साप पकड़ने का काम करता है। एक बार प्रभावशाली अधिकारी उसे बुलाने के लिए गाँव आता है अपनी मोटर पर बैठने के लिए कहता है। बैठते वक्त राजगानू सहारा लेने के लिए उसके कंधे पर हाथ रख देता है तभी वह तिरछी नजर से पीछे पलटता है। राजकानू अपनी भूल सुधारते हुए हाथ हटा लेता है।
मेरे लिए पुलिस टॉर्चर वाली सीन सबसे डिस्टर्बिग थी अगर आप उन सीन को बतौर दर्शक देख रहे हैं तो यह आपको एक गिल्ट अंदर से खाएगी कि आप भी चुप रह कर अत्याचारी के साथ है। यदि आप उन सीन में उतरेंगे तो आप आदिवासी की उन वेदना को महसूस किए बिना नहीं रह पाएंगे जो किसी को विचलित करने के लिए काफी है।
इस फिल्म का प्रमुख स्टार है सेंगरी यानि राजगानू की पत्नी। राजगानू के जेल मे जाने के बाद कहानी का भार सेंगरी के जिम्मे आ जाता है। जिसे उन्होने बखूबी निभाया है।
Jai Bhim फिल्म एक असली घटना पर आधारित है। इसकी पूरी कहानी को समझने के लिए फिल्म को जरूर देखें।